चतुर्भुज की रचना कैसे करते हैं?
नमस्कार दोस्तों इस लेख में हम जानेंगे कि विभिन्न प्रकार के चतुर्भुजों की रचना कैसे की जाती है? तथा हम इसमें रचना से जुड़े हुए अनेक नियमों को भी जानेंगे। तथा इससे जुड़े हुए अनेक तथ्यों के बारे में जानेंगे।
चतुर्भुज की रचना
निम्नलिखित मापों से एक अद्वितीय चतुर्भुज की रचना की जा सकती है –
- जब चार भुजाएँ और एक विकर्ण दिया हुआ है।
- जब दो विकर्ण और तीन भुजाएँ दी हुई हैं।
- जब दो आसन्न भुजाएँ और तीन कोण दिए हुए हैं।
- जब तीन भुजाएँ और उनके बीच के दो कोण दिए हुए हैं।
एक चतुर्भुज की रचना जब चार भुजाएँ और एक विकर्ण दिया हुआ है।
इस प्रकार के चतुर्भुज की रचना को एक उदाहरण की सहायता से समझाया जाता है।
उदाहरण : एक चतुर्भुज PQRS की रचना कीजिए जिसमें PQ = 4 cm , QR = 6cm , RS = 5cm , PS = 5.5cm और PR = 7 cm हो
रचना : सर्वप्रथम हम एक कच्ची आकृति (चित्र के समान) खींचते हैं। तथा आकृति में दी गयी मापों को अंकित करते हैं।

चरण 1 : कच्ची आकृति से बड़ी आसानी से देखा जा सकता है कि SSS रचना कसौटी से त्रिभुज PQR की रचना की जा सकती है। तब त्रिभुज PQR की रचना करते हैं।

चरण 2 : अब चतुर्भुज के चौथे बिंदु ‘ S ‘ की रचना करनी है। यह बिंदु S , PR के संदर्भ में , बिंदु Q के विपरीत दिशा में होगा। उसके लिए हमारे पास दो माप हैं। बिंदु P से , बिंदु S , 5.5cm की दूरी पर स्थित है तब P को केंद्र मानकर 5.5cm त्रिज्या की एक चाप खींचते हैं।

चरण 3 : R से बिंदु S , 5cm दूरी पर R को केंद्र मानकर और 5cm त्रिज्या लेकर एक चाप खींचिए ( बिंदु ‘ S ‘ इस चाप पर कहीं स्थित होगा ! ) ( निम्न आकृति में)

चरण 4 : बिंदु S को खींचे गए दोनों चापों पर स्थित होना चाहिए। अतः यह इन दोनों चापों का प्रतिच्छेद बिंदु है। इस बिंदु को ‘ S ‘ से अंकित करते हैं। अतः PS तथा RS को जोड़ने पर PQRS अभीष्ट चतुर्भुज है।

जब दो विकर्ण और तीन भुजाएँ दी हुई हैं।
इस प्रकार के चतुर्भुज की रचना को एक उदाहरण की सहायता से समझाया जाता है।
उदाहरण : एक चतुर्भुज ABCD की रचना कीजिए , जिसमें BC = 4.5 cm , AD = 5.5cm , CD = 5cm विकर्ण AC = 5.5 cm और विकर्ण BD = 7 cm है?
रचना : सर्वप्रथम एक चतुर्भुज ABCD की कच्ची आकृति खींचते है ( निम्न आकृति में)। इस कच्ची आकृति में दी गयी मापों को अंकित करते हैं।

चरण 1 : SSS कसौटी का उपयोग करके त्रिभुज ACD की रचना कीजिए । ( आकृति के अनुसार ) ( अब हमें बिंदु B का पता लगाने की आवश्यकता है जो बिंदु C से 4.5cm तथा बिंदु D से 7 cm दूरी पर स्थित है ) ।

चरण 2 : D को केंद्र मानकर 7cm त्रिज्या वाली एक चाप खींचिए । ( बिंदु B इस चाप पर कहीं स्थित होगा । ) ( आकृति 4.12)

चरण 3 : C को केंद्र मानकर और 4.5 cm त्रिज्या लेकर एक चाप खींचिए ( बिंदु B इस चाप पर कहीं स्थित होगा ) ( आकृति 4.13 )

चरण 4 : क्योंकि बिंदु B इन दोनों चापों पर स्थित है । अतः बिंदु B इन दोनों चापों का प्रतिच्छेद बिंदु है। बिंदु B को अंकित करते हैं और ABCD को पूरा कीजिए | ABCD एक अभीष्ट चतुर्भुज है ( आकृति 4.14 )

जब दो आसन्न भुजाएँ और तीन कोण दिए हुए हैं।
इस प्रकार के चतुर्भुज की रचना को एक उदाहरण की सहायता से समझाया जाता है।
उदाहरण : एक चतुर्भुज MIST की रचना कीजिए , जहाँ MI = 3.5cm IS = 6.5cm तथा M = 75 ° I = 105 ° और S = 120 ° है?
रचना : सर्वप्रथम एक चतुर्भुज MIST की कच्ची आकृति खींचते है ( निम्न आकृति में)। इस कच्ची आकृति में दी गयी मापों को अंकित करते हैं।

चरण 1 : बिन्दु M से 3.5cm का एक MI रेखाखण्ड खींचते हैं।

चरण 2 : बिंदु S पर ZISY = 120 ° बनाइए (निम्न आकृति के समान)

चरण 3 : बिंदु M पर IMZ = 75 ° बनाइए तथा SY तथा MZ को मिलाते हैं तथा बिन्दु T अंकित करते हैं और हमें अभीष्ट चतुर्भुज प्राप्त होता है। (निम्न आकृति में)

जब तीन भुजाएँ और उनके बीच के दो कोण दिए हुए हैं।
एक चतुर्भुज की रचना करना जब तीन भुजाएँ और उनके बीच के दो कोणों की माप दी हो इस प्रकार के चतुर्भुज की रचना को एक उदाहरण की सहायता से समझाया जाता है।
उदाहरण : एक चतुर्भुज ABCD की रचना कीजिए जहाँ AB = 4cm , BC = 5cm , CD = 6.5cm और ZB = 105 ° तथा ZC = 80 ° है ?
रचना : सर्वप्रथम एक चतुर्भुज ABCD की कच्ची आकृति खींचते है ( निम्न आकृति में)। इस कच्ची आकृति में दी गयी मापों को अंकित करते हैं।

चरण 1 : बिंदु B पर BC = 5cm खींचते हैं। BX के B A अनुदिश 105 ° का कोण बनाते हैं। इससे 4cm की दूरी पर बिंदु A को अंकित करते हैं। इस प्रकार हमें बिंदु B , C और A प्राप्त हो गए हैं ( निम्न आकृति के समान)

चरण 2 : चतुर्थ बिंदु D , CY पर कहीं स्थित है जो भुजा BC के साथ 80 ° का कोण बनाता है। BC पर स्थित बिंदु C पर BCY = 80 ° बनाते हैं। ( आकृति के समान)

चरण 3 : बिंदु D , CY पर 6.5cm की दूरी पर स्थित है। C को केंद्र मानकर और 6.5 cm त्रिज्या लेकर एक चाप खींचते हैं। यह CY को D पर प्रतिच्छेद करती है। (निम्न आकृति के समान)

चरण 4 : चतुर्भुज ABCD को पूर्ण करते हैं। हमेें ABCD अभीष्ट चतुर्भुज प्राप्त होता है। ( निम्न आकृति के समान )

महत्वपूर्ण बिंदु
- पाँच मापों से एक अद्वितीय चतुर्भुज प्राप्त हो सकता है।
- एक अद्वितीय चतुर्भुज की रचना की जा सकती है यदि उसकी चार भुजाओं की लंबाइयाँ और एक विकर्ण दिया हुआ हो।
- एक अद्वितीय चतुर्भुज की रचना की जा सकती है यदि उसके दो विकर्ण और तीन भुजाएँ दी हों।
- एक अद्वितीय चतुर्भुज की रचना की जा सकती है यदि उसकी दो आसन्न भुजाएँ और तीन कोणों की माप ज्ञात हो।
- एक अद्वितीय चतुर्भुज की रचना की जा सकती है यदि उसकी तीन भुजाएँ और दो बीच के कोण दिए हुए हों।