10th claas 1.3 ex. (Real number)
अपरिमेय संख्याओं का पुनर्भरण

कक्षा IX में, आपको अपरिमेय संख्याओं एवं उनके अनेक गुणों से परिचित कराया गया था। आपने इनके अस्तित्व के बारे में अध्ययन किया तथा यह देखा कि किस प्रकार परिमेय और अपरिमेय संख्याएँ मिलकर वास्तविक संख्याएँ (real numbers) बनाती हैं। आपने यह भी सीखा था कि संख्या रेखा पर किस प्रकार अपरिमित संख्याओं के स्थान निर्धारित करते हैं। तथापि हमने यह सिद्ध नहीं किया था कि ये संख्याएँ अपरिमेय (irrationals) हैं। इस अनुच्छेद में, हम यह सिद्ध करेंगे कि √2, √3, √5 तथा, व्यापक रूप में, √p अपरिमेय संख्याएँ हैं, जहाँ p एक अभाज्य संख्या है। अपनी उपपत्ति में, हम जिन प्रमेयों का प्रयोग करेंगे उनमें से एक है अंकगणित की आधारभूत प्रमेय ।
याद कीजिए कि एक, संख्या ‘,’ अपरिमेय संख्या कहलाती है, यदि उसे व के रूप में नहीं लिखा जा सकता हो, जहाँ p /qऔर पूर्णाक हैं और 90 है। अपरिमेय संख्याओं के q = 0 is not equal कुछ उदाहरण, जिनसे आप परिचित हैं, निम्नलिखित हैं:
√2, √3. √15, √2 0.10110111011110… इत्यादि ।
इससे पहले कि हम √2 को अपरिमेय संख्या सिद्ध करें, हमें निम्नलिखित प्रमेय की आवश्यकता पड़ेगी, जिसकी उपपत्ति अंकगणित की आधारभूत प्रमेय पर आधारित है









1.1 ex.👇👇